Parents nurse grudge over preschool age caveat
Wednesday, 29 January 2014 | Aditi Gupta | New Delhi
There seems to be no end to the woes of parents looking to get their wards admitted to city’s private schools at the nursery level. With only a week remaining for the closure of nursery admissions, several schools have been flouting the guidelines by imposing an age limit for children seeking admission in nursery. Parents are complaining that they have not been able to fill online forms for nursery admissions, as the forms do not accept age beyond four years which the schools have arbitrarily decided.
Schools like Amity International (Saket), Ryan International, Bal Bharti (Pitampura and Rohini) among others, on their websites, have barred admission in nursery for any child who was born before April 2010 which means, a child can be maximum 4 years of age to get admitted. The same age limit is applicable in Tagore International School in Vasant Vihar and East of Kailash also.
“I wanted to apply in Amity Saket for my child’s admission. He was born on December 4, 2009 but the school is not accepting my form because he is 4 plus. This is a complete violation of government instructions,” said Anuj, a disappointed parent.
“Several schools have made it mandatory that a child must be born between April 1, 2010 and March 31, 2011. This is an arbitrary step taken by schools as no upper limit has been decided by the DoE. Schools are not abiding by the rules and are torturing the parents like this,” said Sumit Vohra, founder of admissionsnursery.com who had lodged several complaints against the erring schools since the commencement of admissions.
According to the guidelines of the Directorate of Education the minimum age for admission in pre-school is defined as “minimum of three years by 31st March of the year in which admission is being sought” and no maximum age limit has been prescribed.
स्कूलों की मनमानी जारी
गरीब बच्चों के दाखिले में मददगार होगी ‘आप’
नई दिल्ली (ब्यूरो)। ‘आप’ ने आर्थिक तौर पर कमजोर (ईडब्ल्यूएस कोटा) लोगों के बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने की कोशिश शुरू कर दी है। कार्यकर्ता अपने इलाके में गरीब परिवारों की पहचान कर बच्चों को स्कूल तक पहुंचाएंगे। इसके लिए मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर 70 सक्रिय कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया। पार्टी के एक पदाधिकारी के मुताबिक इस दौरान ईडब्ल्यूएस कोटे के अभिभावकों की पहचान, दाखिले की प्रक्रिया, इस श्रेणी के सर्टिफिकेट संबंधी औपचारिकताओं, स्कूलों की लॉटरी प्रक्रिया व दाखिले के समय से संबंधित तमाम जानकारियां दी गईं। कार्यकर्ताओं को यह भी बताया गया कि गरीब बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के बाद उन्हें अभिभावकों से फीडबैक लेना होगा। कार्यक्रम में पांच स्वयंसेवी संस्थाएं भी शामिल हुईं। पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा में एक प्रशिक्षित कार्यकर्ता तैनात रहेगा। उसे अपने विस क्षेत्र में आने वाले चार वार्ड से एक-एक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर पांच सदस्यीय कमेटी बनानी होगी।
वहीं, इनके समन्वय के लिए प्रदेश स्तर पर पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस तरह से गरीब बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए पार्टी के 350 कार्यकर्ता काम करेंगे।
60 फीसदी सीटें सिर्फ नौकरशाहों के बच्चों के लिए
नई दिल्ली (ब्यूरो)। नौकरशाहों के बच्चों के कारण चाणक्यपुरी स्थित संस्कृति स्कूल का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। स्कूल में नौकरशाहों के बच्चों के लिए अधिकांश सीटें आरक्षित करने के मुद्दे पर न्यायमूर्ति मनमोहन ने स्कूल प्रबंधन, दिल्ली व केंद्र सरकार, उपराज्यपाल और शिक्षा निदेशालय को नोटिस जारी किया है।
अदालत ने सभी पक्षों से कहा है कि क्यों न याचिका स्वीकार कर ली जाए। याचिकाकर्ता नवया सिंह की ओर ने स्कूल द्वारा 60 प्रतिशत सीटें सिविल सर्विस व डिफेंस अधिकारियों के लिए आरक्षित करने और सामान्य वर्ग के बच्चों के लिए मात्र 10 प्रतिशत रखने के फैसले को चुनौती दी गई है।
याची की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर नंदराजयोग व अखिल सच्चर ने अदालत को बताया कि संस्कृति स्कूल को 1994 से 2009 के दौरान केंद्र सरकार के अधिकांश मंत्रालयों से 25 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है। इसके अलावा भी फंड जारी किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूल को नाममात्र की राशि पर भूमि दी थी, इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने आम बच्चों को दाखिला देना बंद कर दिया था। उन्होंने कहा हाल ही में खंडपीठ ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों को दाखिला देने का निर्देश दिया था।
इसके बाद स्कूल ने आम बच्चों को दाखिला न मिले, इसके लिए 18 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर 60 प्रतिशत सीटें सिविल सर्विस अधिकारियों के बच्चों के लिए आरक्षित कर दीं। कुल 140 सीटों में से मात्र 14 सामान्य वर्ग के बच्चों के लिए रखी गई हैं। इसमें से भी पांच प्रतिशत लड़कियों के लिए आरक्षित की गई हैं और इस कोटे में भी सिविल सर्विस के अधिकारियों के बच्चे आवेदन कर सकते हैं। अधिवक्ता ने बताया कि उनकी मुवक्किला ने आवेदन किया, लेकिन उसे दाखिला नहीं दिया गया। स्कूल प्रबंधन का यह रवैया संविधान के अनुच्छेद-14 व 21 के तहत उनकी मुवक्किला को प्रदान अधिकारों का हनन करता है। इसके अलावा यह दिसंबर में उपराज्यपाल द्वारा नर्सरी व प्री नर्सरी दाखिलों के लिए जारी दिशा निर्देश का भी उल्लंघन है। इसलिए स्कूल प्रबंधन द्वारा 18 दिसंबर को जारी अधिसूचना को रद्द किया जाए।
सेंट मैरी में गरीब बच्चों को दाखिला देने के फैसले पर रोक
हाईकोर्ट ने सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें सेंट मैरी स्कूल को आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए सीटें आरक्षित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर कोई स्कूल उसे प्रदान स्वायत्तता का दुरुपयोग करता है तो सरकार अदालत में आ सकती है। न्यायमूर्ति मनमोहन ने स्कूल की याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि स्कूल स्वायत्तता का उल्लंघन न करे।
अगर कोई स्कूल ऐसा करता है तो वह अदालत को सूचित करे। साथ ही अदालत ने स्कूल प्रबंधन को भी निर्देश दिया कि वह दाखिलों के लिए ठोस प्रक्रिया अपनाए। निदेशालय के अधिवक्ता ने कहा कि स्कूल को सस्ती दरों पर भूमि प्रदान की गई थी। इस आधार पर उसे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों को दाखिला देना जरूरी है।
नर्सरी
दाखिला
नई दिल्ली (ब्यूरो)। नर्सरी दाखिलों को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी जारी है। स्कूल अब बच्चे की आयु को लेकर मनमानी कर रहे हैं। कई स्कूलों में तो ऑनलाइन फॉर्म में आयु फिक्स कर दी है, जिसके कारण फॉर्म जमा नहीं हो पा रहे हैं। आलम यह है कि एक नामी स्कूल ने चार साल से कम आयु वाले बच्चों के लिए पांच अंक तक निर्धारित किए हैं, जबकि निदेशालय ने न्यूनतम आयु पहले से ही तय कर रखी है। एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के प्रमुख सुमित वोहरा ने अभिभावकों से शिकायत मिलने के बाद शिक्षा निदेशक और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि अपर एज लिमिट को लेकर उल्लंघन कर रहे स्कूलों के लिए निदेशालय कॉमन नोटिस जारी करे। सुमित ने बताया कि स्कूलों ने चार वर्ष की अधिकतम आयु खुद ही तय कर ली है।
इस बारे में अभिभावकों ने निदेशालय की हेल्पलाइन पर भी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वसंत कुंज स्थित भटनागर इंटरनेशनल स्कूल ऐसे ऑनलाइन फॉर्म स्वीकार नहीं कर रहा, जो बच्चे 31 मार्च 2009 में पैदा हुए हैं।
इसी तरह बाल भारती पूसा रोड में भी उन बच्चों के ऑनलाइन फॉर्म स्वीकार नहीं हो रहे जिनकी आयु चार वर्ष से अधिक है। वसंत कुंज स्थित टैगोर इंटरनेशनल स्कूल में आवेदन के लिए भी ऐसी ही दिक्कत आ रही है। साकेत स्थित ऐमिटी स्कूल में तो आगामी फरवरी में चार साल के होने वाले बच्चे का फॉर्म रिजेक्ट हो गया। सरदार पटेल स्कूल तो इससे भी आगे है।
स्कूल चार वर्ष से अधिक के बच्चे का फॉर्म तो स्वीकार कर रहा है, लेकिन चार साल से कम वाले बच्चे को पांच अंक अतिरिक्त दे रहा है।
कुछ समय से ईडब्ल्यूए प्रमाण पत्र के आवेदन बढ़े हैं। आवेदन के बाद वेरीफिकेशन प्रक्रिया में 21 दिन लगते हैं। आवेदक कई बार गलत जानकारी देकर इसे बनवाने की कोशिश करते हैं। कागजों पर अगर कोई दस्तावेज देता है और जांच में सही पाया जाता है तो उसे जारी करना होता है। जहां तक बिचौलियों की बात है तो इसके लिए कड़ी निगरानी की जा रही है। - धर्मपाल, मंडलायुक्त राजस्व विभाग
•हाईकोर्ट पहुंचा संस्कृति स्कूल का मामला
Subject: For Urgent Pursual of DIrector Education~Schools flouting DOE guidelines by keeping Upper age Cut off of 4 years against Doe Guidelines Dated 18/12/2013 (Copy To Education Minister.Education Secy,Chief Minister)
To
Date : 28/01/2014
Director Education (DOE)
Govt. of NCT of Delhi.
Civil Lines, Delhi- 110054
Respected Mam
Please refer my complaint Dated 22 /01/2014 regarding many unaided private schools in Delhi keeping upper age cut off limit,we understand that minority school have being given freedom to make them on admission guide lines but why no action been taken against the school which are clearing flouting the DOE notification dated 18/12/2013 point no 8(iii) school can not fix upper age limit and this will be decided by the Govt.
Please find below copy of Notification mentioned
ONLY ONE WEEK IS LEFT FOR ADMISSION TO CLOSE AND NO ACTION HAS BEEN TAKEN TILL NOW AGAINST THESE SCHOOLS.
MANY PARENTS ARE NOT ABLE TO FILL ONLINE FORMS, AS THE FORMS DOES NOT ACCEPT AGE MORE THEN 4 YEARS AS PER THE SCHOOL NORMS WHICH HAVE KEPT UPPER CUT OFF AGE LIMIT OF 4 YEARS.
IT IS REQUESTED TO ISSUE A COMMON NOTICE TO ALL THE SCHOOLS FLOUTING ON UPPER AGE LIMIT RULES.
AS MANY PARENTS HAVE COMPLAINED THAT EVEN AFTER REGISTERING COMPLAINT ON DOE HELP LINE NO ACTION HAS BEEN TAKEN AGAINST THE ERRING SCHOOLS TILL NOW.
PLEASE FIND BELOW NAME OF SOME SCHOOL AGAINST WHOM WE ARE GETTING LOT OF COMPLAINTS, BUT THERE MANY MORE UNAIDED SCHOOL IN DELHI FLOUTING THE GUIDELINES.
(some parents have given Complain NO also)
o Amity International School, Saket Complain NO:- 201400044
o Tagore International School, Vasant Vihar
o Tagore International School, East of Kailash
o Birla Vidya Niketan, Saket
o Bal Bharati - Pitampura (complaint no. on DoE helpline: 2014007324)
o Bal Bharati - Rohini (complaint no. on DoE helpline: 2014010094)
o Meera Model School Janakpuri
o Bal Bharti Ganga Ram Marg
o Ryan International School
Hope see the urgency of situation..you will take action against schools ASAP !!
Regards
Sumit Vohra
President V R ONE (NGO)
Founder/Admin - www.admissionsnursery.com