दिल्ली में नो एंट्री, एनसीआर से आस
5 Feb 2011, 0400 hrs IST
प्रमुख संवाददाता ॥ नई दिल्ली
साउथ दिल्ली में रहने वाली सुशीला अपने बच्चे के एडमिशन के लिए पिछले दो साल से ट्राई कर रही थीं लेकिन एडमिशन नहीं हो पाया। वह चाहती थीं कि साउथ दिल्ली के स्कूलों में बच्चे का एडमिशन हो पर न तो नर्सरी में एडमिशन हुआ और न ही केजी में। थककर इस साल उन्होंने बच्चे का एडमिशन पहली क्लास में गुड़गांव के रिज वैली स्कूल में करवाया और अब वे गुड़गांव में शिफ्ट करने की तैयारी भी कर रही हैं। सुशीला की तरह ऐसे पैरंट्स की कमी नहीं है, जिनका बच्चा दिल्ली के स्कूलों में दाखिल नहीं हो पाया और अब वे गुड़गांव व नोएडा के स्कूलों की तरफ रुख कर रहे हैं।
सुशीला ने बताया कि वे चाहती थीं कि उनके बच्चे का एडमिशन साउथ दिल्ली के वसंत वैली, मदर्स इंटरनैशनल या श्रीराम स्कूल में हों लेकिन स्कूलों का क्राइटेरिया ही इस तरह का है कि सिबलिंग व एलुमनी कैटिगरी में आने वालों के ही एडमिशन ज्यादा होते हैं। वह कहती हैं कि मेरे जैसे पैरंट्स तो दूसरे शहर में शिफ्ट होकर बच्चे को पढ़ा सकते हैं लेकिन उन पैरंट्स का क्या होगा, जो दिल्ली नहीं छोड़ सकते। सरकार को एक ऐसी कैटिगरी भी बनानी चाहिए, जिनमें वे पैरंट्स शामिल हों, जो न तो सिबलिंग कैटिगरी में आते हैं और न ही एलुमनी में।
उधर इस मसले पर एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के फाउंडर सुमित वोहरा कहते हैं कि उनके पास बहुत सारे पैरंट्स के फोन आ रहे हैं जो नोएडा व गुड़गांव के स्कूलों के बारे में जानना चाहते हैं और कह रहे हैं कि वे अपने बच्चों का वहां पर एडमिशन करवाएंगे। दरअसल इस बार तो जनरल कैटिगरी के पैरंट्स को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। जनरल कैटिगरी की सीटें भी कम हो गई हैं और जो सीटें हैं, उन पर सिबलिंग व एलुमनी कैटिगरी का कब्जा हो गया है। पैरंट्स को सेकंड लिस्ट से भी कोई उम्मीद नहीं है।
कुछ स्कूलों में हो रहे हैं केजी के लिए एडमिशन
वैसे तो अधिकतर स्कूलों में नर्सरी का एडमिशन प्रोसेस चल रहा है लेकिन केजी क्लास के लिए भी कुछ स्कूलों में पैरंट्स अभी अप्लाई कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक टैगोर इंटरनैशनल स्कूल वंसत विहार में पैरंट्स 18 फरवरी तक केजी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। हेरिटेज स्कूल वसंत कुंज, समरफील्ड्स स्कूल में भी केजी के लिए एडमिशन प्रोसेस चल रहा है। केजी में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र कम से कम चार साल होनी चाहिए। एक्सपर्ट का कहना है कि जो पैरंट्स केजी में अपने बच्चे को एडमिशन दिलवाना चाहते हैं, उन्हें स्कूलों से इसकी जानकारी लेनी चाहिए क्योंकि केजी में सीटें कम होती हैं और सीटें होने पर ही स्कूल एडमिशन करते हैं।