जबरन खरीदवाए गए पैरंट्स को प्रॉस्पेक्टस
2 Jan 2011, 0400 hrs IST,नवभारत टाइम्स
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नई दिल्ली।। पहले दिन न चाहते हुए भी पैरंट्स को प्रॉस्पेक्टस खरीदने पड़े। इसके साथ फॉर्म की कीमत स्कूलों में 100 रुपये से 500 रुपये तक रख
ी गई थी। जबकि सरकारी दिशा निर्देशों के मुताबिक, फॉर्म की कीमत 25 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और स्कूल इसके साथ प्रॉस्पेक्टस खरीदना अनिवार्य नहीं कर सकते।
एनजीओ एजुकेशन फॉर ऑल के संस्थापक सुमित वोहरा का कहना है कि मेरे पास लगभग सभी स्कूलों से संबंधित ऐसी दर्जनों शिकायतें आई हैं, जिनमें पैरंट्स ने बताया है कि स्कूलों ने फॉर्म के साथ प्रॉस्पेक्टस अनिवार्य किया था। लेने से मना करने पर कई स्कूलों ने यहां तक कह दिया कि आप प्रॉस्पेक्टस नहीं खरीद सकते तो पढ़ाई का खर्च कैसे उठाओगे।
मैक्सफोर्ट स्कूल रोहिणी में गई पारुल अग्रवाल ने बताया कि प्रॉस्पेक्टस के साथ ही फॉर्म दिया जा रहा था और कीमत 300 रुपये रखी गई थी। एकता सेठ ने बताया कि इंद्रप्रस्थ वर्ल्ड स्कूल पश्चिम विहार में भी प्रॉस्पेक्टस लेना अनिवार्य था और इसकी कीमत 500 रुपये थी। बहुत सारे पैरंट्स ने मिलकर जब इसका विरोध किया तो काउंटर पर बैठी कर्मचारी ने 475 रुपये वापस कर दिए, मगर अब मुझे इस बात की टेंशन हो रही है कि कहीं सिर्फ 25 रुपये देने की वजह से वे लोग हमारे बच्चों की स्लिप को शॉर्ट लिस्ट ही न करें। के. आर. मंगलम विकास पुरी, आईटीएल द्वारका, दून पब्लिक स्कूल पश्चिम विहार और टैगोर इंटरनैशनल जैसे स्कूलों से भी ऐसी ही शिकायतें आईं।
सुमित वोहरा का कहना है कि सरकार हर साल इस तरह के नियम बनाती है, बावजूद इसके स्कूल मनमानी करते हैं। ऐसे में सरकारी नियंत्रण की बात सिर्फ दिखावा साबित होती है और सरकारी दिशा निर्देश पैरंट्स के लिए भुलावा बन जाते हैं। ऐसे मामलों में सरकार को गंभीर कदम उठाने चाहिए।
Delhi International School,dwarka giving admissions on first come first serve basis,asking for child interaction. Also charging 200 for prospectous and form,very much against guidelines.