Nursery Admissions in Delhi NCR 2026-27

Form Dates | Admission Criteria | Results | Fee Details | List of All Schools

लॉटरी की होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
नई दिल्ली। नर्सरी दाखिला प्रक्रिया को लेकर उपराज्यपाल के निर्देश पर जारी नियमों को लेकर अभिभभावकों में बने संशय को निदेशालय ने बुधवार को एफएक्यू (फ्रीक्वेंटली आस्क क्वेश्चन) जारी कर दूर कर दिया। इन जारी लिखित सवाल जवाबों में एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के माध्यम से अभिभावकों के लिए पूछे गए सवालों के जवाब दिए गए। इनमें सबसे अहम सामान्य श्रेणी के तहत एक जैसे अंक आने पर बच्चों का दाखिला करने के लिए लॉटरी की प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने का आदेश है।
निदेशालय ने एफएक्यू के माध्यम से बताया है कि स्कूलों को न सिर्फ प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग करनी होगी बल्कि उस जानकारी को चयनित छात्रों की सूची के साथ संबंधित उपशिक्षा निदेशक को एक से दो दिन के अंदर सौंपनी होगी। निदेशालय की ओर से जारी एफएक्यू में स्थानातंरण केस में अभिभावक के स्थानातंरण के संबंध में कहा गया है कि इस में ऐसे अभिभावकों को रखा जाएगा जिनके स्थानातंरण को अधिकतम एक साल हुआ हो। वेबसाइट के प्रमुख सुमित वोहरा ने कहा कि अवधि के साथ-साथ तिथियां भी जारी की जानी चाहिए।
निदेशालय की ओर से एफएक्यू में जुड़वा के दाखिले, सिबलिंग के लिए भी जानकारी साफ की गई है। जुड़वां बच्चों में यदि एक बच्चे का दाखिला किसी स्कूल में हो जाता है तो दूसरे बच्चे को सिबलिंग में आने के कारण 20 अंक अतिरिक्त मिलेंगे। एल्युमिनाई के संबंध में सुमित वोहरा कहते हैं कि निदेशालय की ओर से यह तो बता दिया गया कि कोई सोसाइटी अपने सभी स्कूलों में एल्युमिनाई का लाभ अभिभावकों को नहीं दे पाएगी लेकिन स्कूल किसे एल्युमिनाई मानेगा इसे तय करने का अधिकार स्कूल पर छोड़ा है। वहीं निदेशालय ने यह भी साफ किया है कि नियमों के चलते अभिभावकों को मोबाइल ले जाने से मना किया जाता है, अब स्कूल ऐसा नहीं कर पाएंगे।
नर्सरी दाखिले कोर्ट के अगले आदेश तक रुके
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने कहा, फॉर्म 16 जनवरी से नहीं मिलेंगे
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली के निजी स्कूलों में नर्सरी में दाखिले के लिए शुरू होने वाली रेस अब कोर्ट के अगले आदेश तक के लिए स्थगित हो गई है। कोर्ट के फैसले के बाद यदि जरूरत पड़ी तो दाखिले की तिथि को आगे बढ़ाया जा सकता है।
शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि निजी स्कूलों में नर्सरी के लिए फॉर्म 16 जनवरी से मिलेंगे बाकी शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया गया था। दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष आर सी जैन ने कहा कि अब दाखिला फॉर्म 16 जनवरी से नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि संभव है कि एक से दो दिनों के भीतर दाखिला शेड्यूल को लेकर स्थिति साफ हो जाए। पैरेंट्स की परेशानी तो नहीं बढ़ेगी, इस पर उन्होंने कहा कि पैरेंट्स को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम प्रमुख सुमित वोहरा ने बताया कि कोर्ट के अपने आदेश को सुरक्षित रखने के बाद से उनकी वेबसाइट पर लगातार अभिभावक अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। खासकर पैरेंट्स में दाखिले शुरू होने को लेकर कंफ्यूजन है। कई अभिभावक 16 जनवरी की छुट्टी ले चुके हैं, अब जब बृहस्पतिवार को भी फॉर्म नहीं मिलेंगे तो उन्हें अगली तिथियों तक परेशान ही होते रहना पड़ेगा।
मामला गंभीर, जल्द दिया जाएगा फैसला: हाईकोर्ट
हेल्पलाइन पर आईं 1753 कॉल
दाखिला प्रक्रिया स्थगित होने के बाद निदेशालय की हेल्पलाइन पर अभिभावकों ने खूब फोन घुमाए। आलम यह रहा कि लगातार हेल्पलाइन नंबर व्यस्त रही। हेल्पलाइन पर दिनभर अभिभावक यही जानने के लिए फोन घुमाते रहे कि अब दाखिला कब से शुरू होगा। फॉर्म कब तक मिलेगा। यह कब तक जमा कराया जाएगा? दाखिले के लिए क्या कोई नई गाइडलाइंस आ गई है। हेल्पलाइन से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार शाम तक 1753 कॉल आईं।
परेशान न हों, फैसले का करें इंतजार
ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल का कहना है कि पूरी स्थिति एक से दो दिन में स्पष्ट हो जाएगी। ऐसे में अभिभावकों को परेशान नहीं होना चाहिए और कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
एक-दो स्कूलों में फॉर्म मिलने शुरू
नर्सरी दाखिले शुरू होने को लेकर भले ही कोई आदेश न आए हों लेकिन बुधवार को इक्का-दुक्का स्कूलों ने फॉर्म देने शुरू कर दिए। प्रसाद नगर स्थित फेथ एकेडमी ने सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक फॉर्म जारी किए। फॉर्म 25 रुपये में ही बेचा गया। प्रोस्पेक्टस की कीमत 175 रुपये रखी गई। जिसे वैकल्पिक रखा है। वहीं मयूर विहार स्थित वनस्थली स्कूल ने भी फॉर्म प्रोस्पेक्टस के साथ 200 रुपये में देने शुरू किए। माना जा रहा है कि बृहस्पतिवार को भी कुछ स्कूल फॉर्म देना शुरू कर सकते हैं।
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने नर्सरी दाखिला विवाद मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। निजी स्कूलों ने उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को हाईकोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी है। उनका तर्क है कि प्रबंधन कोटा समाप्त करना व नेबरहुड मुद्दे में हस्तक्षेप गैरकानूनी है। शुक्रवार को फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन व न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की खंडपीठ ने निजी स्कूलों, दिल्ली सरकार व सोशल ज्युरिस्ट संस्था का पक्ष सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। खंडपीठ ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है और इससे नर्सरी के बच्चों का भविष्य दांव पर है। ऐसे में वे जल्द से जल्द फैसला देंगे।
इससे पूर्व दिल्ली सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया कि फैसला आने तक स्कूलों को तय दिशा-निर्देशों के तहत दाखिले प्रदान करने के लिए बाध्य नहीं करेंगे।
निजी स्कूलों के वकीलों ने मुख्य तौर पर बार-बार स्वायत्तता का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी अधिसूचना स्वायत्तता पर प्रहार है।
खंडपीठ ने तर्क पर कहा कि आप आखिर बार-बार अंतरिम राहत देने की मांग पर जोर क्यों दे रहे हैं। क्या यह जीवन-मरण का सवाल है। अदालत के इस तर्क का निजी स्कूलों के पास कोई जवाब नहीं था। आखिर अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है, प्रबंधन कोटा समाप्त करने की वजह से याचिकाकर्ता स्कूल ज्यादा परेशान हैं।
एसोसिएशन के अधिवक्ता एनके कौल ने कहा कि अधिसूचना में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जो व्यवहारिक नहीं हैं। नेबरहुड में 70 प्वाइंट देने से बच्चे पसंद के स्कूल में दाखिला लेने से वंचित हो जाएंगे। यदि किसी क्षेत्र में अच्छा स्कूल नहीं है तो बच्चों को मजबूरन आसपास के ही स्कूल में दाखिला लेना होगा। इसके अलावा स्कूलों में प्रबंधन कोटा भी समाप्त करना मनमाना निर्णय है।

वहीं, सरकार के अधिवक्ता ने नेबरहुड के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि स्कूलों में दाखिले का पहला अधिकार पड़ोस में रहने वाले बच्चे का है। स्कूलों को मान्यता इसी शर्त पर दी जाती है कि वह पड़ोस के बच्चों को दाखिला देंगे।

Views: 24

Reply to This

© 2025   Created by Sumit Vohra (Webmaster).   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service

Live Chat