इंटरव्यू-टेस्ट लिया तो खैर नहीं
• अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। नर्सरी दाखिलों के दौरान निजी स्कूल बच्चों या अभिभावकों का इंटरव्यू, काउंसलिंग व टेस्ट नहीं ले सकते। यदि स्कूल ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ शिक्षा निदेशालय में शिकायत की जा सकती है।
शिकायत मिलने पर निदेशालय की ओर से कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्कूलों को गरीब कोटे का दाखिला रद्द करने के वजहों की ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग भी करनी होगी।
दाखिले की रेस में इंटरव्यू, काउंसलिंग व टेस्ट को लेकर अभिभावकों में बन रहे असमंजस की स्थिति को निदेशालय ने दूर कर दिया है। निदेशालय ने स्कूलों को अभिभावकों व बच्चों में से किसी का भी इंटरव्यू (स्क्रीनिंग) करने, काउंसलिंग करने व लिखित व मौखिक टेस्ट लिए जाने की मनाही की है। सोमवार को निदेशालय की ओर से जारी किए गए दाखिले से संबंधित एफएक्यू (फ्रिक्वेंटली आस्कड क्वेश्चंस) में स्थिति को स्पष्ट किया गया है। निदेशालय का मानना है कि ऐसा होने से दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। यदि कोई स्कूल किसी भी तरह से अभिभावकों से या बच्चों से कुछ पूछने का प्रयास करता है तो अभिभावक इसकी शिकायत निदेशालय को कर सकते हैं।
निदेशालय की ओर से यह भी साफ किया गया है कि अक्षम बच्चे के दाखिले के लिए ओपन कोटा (सामान्य) के तहत आवेदन कर सकते हैं।
ऐसे बच्चे का आवेदन फ्री शिप कोटा (गरीब वर्ग) के तहत स्वीकार नहीं होगा। इसके साथ ही यदि स्कूल किसी कारण से गरीब कोटे के दाखिले को रद्द करते हैं तो स्कूल को इसका कारण रिकॉर्ड करना होगा और अभिभावकों को इसका कारण बताना होगा। निदेशालय का मानना है कि इससे गरीब कोटे के तहत होने वाले दाखिलों में भी पारदर्शिता बनी रहेगी और अभिभावक भी किसी तरह का आरोप नहीं लगा सकेंगे।
आवेदन में दिखा नया पैटर्न
नई दिल्ली (ब्यूरो)। इस बार नर्सरी दाखिलों के आवेदन में नया पैटर्न सामने दिख रहा है। बीते साल करीब 75 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों के दाखिलों के लिए अधिकतम पंद्रह स्कूलों में आवेदन जमा किए थे। वहीं इस बार ऐसे अभिभावकों की संख्या अभी तक 63 फीसदी है। एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम की ओर से कराए गए ऑनलाइन सर्वे में यह बात सामने आई है। वेबसाइट प्रमुख सुमित वोहरा ने बताया कि सर्वे में 1948 अभिभावकों ने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि इस बार अधिकतम पंद्रह स्कूलों में आवेदन करने वाले अभिभावकोें की संख्या 63 फीसदी के करीब रही। वहीं अभी तक 15 से 20 स्कूलों में आवेदन करने वालों का आंकड़ा 16 फ़ीसदी दर्ज किया गया है।
वसूल रहे हैं फॉर्म प्रोसेसिंग फीस
अभिभावकों को ऑनलाइन फॉर्म जमा कराना महंगा पड़ रहा है। स्कूलों की ओर से ऑनलाइन फॉर्म जमा कराने के एवज में प्रोसेसिंग फीस वसूली जा रही हैं। जबकि नियमों के मुताबिक फार्म रजिस्ट्रेशन के अलावा स्कूल कोई चार्ज नहीं वसूल सकते हैं। साकेत स्थित एमिटी स्कूल ने ऑनलाइन फॉर्म के साथ 300 रुपये प्रोसेसिंग फीस क्रेडिट व डेबिट कार्ड से जमा कराने को कहा है। इसी तरह से पीतमपुरा स्थित बाल भारती स्कूल ने 25 रुपये प्रोसेसिंग राशि डिमांड ड्रॉफ्ट से जमा कराने को कहा जा रहा है।
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