Nursery Admissions in Delhi NCR 2026-27

Form Dates | Admission Criteria | Results | Fee Details | List of All Schools

Amar Ujala - बढ़ी फीस अभिभावकों के लिए फांस

बढ़ी फीस अभिभावकों के लिए फांस
रश्मि शर्मा
नई दिल्ली। ज्यादा फीस वसूली को लेकर दिल्ली सरकार भले ही स्कूलों को नोटिस देकर दबाव बना रही हो, लेकिन स्कूलों की मनमानी लगातार जारी है। बच्चाें के रिजल्ट के साथ बढ़ी फीस का झटका अभिभावकों को इन दिनों स्कूल पहुंचने पर लग रहा है।
राजधानी के स्कूलों में इस बार 15-20 फीसदी फीस बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। स्कूल अभिभावकों की जेब से पैसे निकालने के लिए नए-नए फंड का सहारा ले रहे हैं। कहीं टेक्नोलॉजी चार्ज के नाम पर, कहीं सिक्योरिटी चार्ज तो कहीं स्पेशल इक्विटी फंड के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं। कुछ स्कूल तो एडवेंचर कैंप और कोई इंश्योरेंस व न्यूज पेपर के नाम पर भी पैसे वसूल ले रहे हैं।
अप्रैल से स्कूलों में नया सत्र शुरू हो रहा है। पहली से आठवीं तक कक्षाओं की परीक्षाएं समाप्त होने के बाद रिजल्ट आने शुरू हो गए हैं। स्कूलों में रिजल्ट लेने पहुंच रहे अभिभावकों को रिजल्ट के साथ ही फीस के नए ढांचे का स्ट्रक्चर थमाया जा रहा है, जिसमें बढ़ी फीस की मार उन्हें देखने को मिल रही है।
नए सत्र के लिए 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी
न्यूजपेपर, ट्यूशन फीस और स्मार्ट क्लास के नाम पर लिया जा रहा फंड
कई साल पहले एक शिक्षा मंत्री ने दस फीसदी फीस बढ़ने की बात ऐसे ही कह दी थी, जिसके बाद स्कूलों ने यह मान लिया कि वह हर साल दस फीसदी फीस बढ़ा सकते हैं और अब हर साल दस फीसदी या इससे अधिक फीस बढ़ाते हैं। इस बढ़ोतरी का जिक्र किसी कानून में नहीं है। अभिभावकों ने मजबूरी में इसे मान लिया है। इस बारे में सबको एकजुट होकर लड़ना होगा।
-अशोक अग्रवाल, अध्यक्षऑल इंडिया अभिभावक संघ
हर साल बढ़ती है फीस
एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के प्रमुख सुमित वोहरा कहते हैं कि स्कूल हर साल फीस बढ़ाते हैं। नर्सरी में तो कुछ स्कूल ओरिएंटेशन के नाम पर भी हजारों रुपये ले रहे हैं। उसके साथ बाकी अन्य फंड भी लिए जा रहे हैं, जबकि बाकी कक्षाओं में ट्यूशन फीस के अलावा स्कूल बिल्डिंग फीस, टेक्नोलॉजिकल चार्ज, स्मार्ट क्लास, मेडिकल फीस, एनुअल चार्ज भी वसूल रहे हैं। सिक्योरिटी और स्पेशल इक्विटी फंड के नाम पर 500 से 800 रुपये लिए जा रहे हैं। डेवलपमेंट चार्ज के नाम पर 15 हजार रुपये, एक्टिविटी फीस 800 रुपये, मेडिकल केयर 1000 हजार रुपये, न्यूजपेपर 250 रुपयेे, भोजन शुल्क दो से तीन हजार रुपये तक लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब नए फंड के रूप में सोसाइटी फंड लिया जा रहा है। यह एक तरह से डोनेशन लेने का तरीका ही बन गया है।
सरकार की सख्ती का असर नहीं
ब्याज के साथ फीस वापस लेने नहीं जाते
स्कूलो पर सरकार की सख्ती का भी असर नहीं है। बीते शुक्रवार को ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बात की जानकारी दी थी कि जिन नर्सरी दाखिले में अधिक फीस वसूलने की शिकायत जिन 200 स्कूलों के खिलाफ लिए मिली हैं, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। सरकार की इतनी सख्ती का भी स्कूल मनमानी से बाज नहीं आ रहे।
अनिल देव सिंह कमेटी की इस बात की सिफारिश करती है कि स्कूलों को बढ़ी फीस ब्याज के साथ लौटानी होगी। कोर्ट भी स्कूलों को फीस वापस लौटाने के लिए कह चुका है। इसके बावजूद अभिभावक ब्याज के साथ फीस वापस लेने नहीं जाते। उन्हें इस बात का डर रहता है कि स्कूल बच्चों को परेशान करेंगे।

Views: 199

Reply to This

Replies to This Discussion

Absolutely right!! Govt. Is only concerned with bijli pani which is a fraction of the steep high education fees now days for most parents. Some uniform measure is required to curb this practice.

yes, only this is happen in delhi . there is different type of fee like development fee, annunal charge etc which is a big amount . the govt is sleep nothing doing on this .

RSS

© 2025   Created by Sumit Vohra (Webmaster).   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service

Live Chat