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तीन साल का बच्चा ले सकता है नर्सरी में दाखिला
Source: DainikBhaskar news | Last Updated 03:58(28/01/12)
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नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के स्कूलों में नर्सरी में दाखिले की उम्र मसले पर शुक्रवार को अपना महत्वपूर्ण फैसला सुना दिया। न्यायालय ने समावेशी प्राथमिक शिक्षा को सभी बच्चों के लिए जरूरी बताते हुए प्रवेश स्तर की कक्षाओं में एडमिशन के लिए उम्र के मापदंड के साथ हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।
न्यायालय ने कहा कि यह बचपन और शिक्षा का एक हिस्सा है। हाईकोर्ट के इस आदेश से तीन साल की आयु पूरी कर चुके बच्चों का दाखिला प्री स्कूल (नर्सरी) कक्षा में हो सकेगा। हाईकोर्ट के आदेश का स्कूलों ने स्वागत किया है, तो याचिकाकर्ता के वकील ने इसे बच्चों के लिए हितकारी नहीं बताते हुए शीर्ष अदालत में चुनौती देने की बात कही है।
कार्यवाहक चीफ जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एनजीओ सोशल ज्यूरिस्ट की याचिका खारिज करते हुए 71 पन्नों के आदेश में कहा कि तीन वर्ष की आयु पूरी कर चुके बच्चों को औपचारिक शिक्षा से वंचित करना भेदभावपूर्ण और नुकसानदेह होगा।
जिन स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं भी हैं, वहां नर्सरी को ही प्रवेश स्तर माना जाएगा, ना कि प्री प्राइमरी (केजी) को। इनमें बच्चों को नर्सरी में तीन साल की उम्र में दाखिला मिल जाएगा और उनको स्वत: ही केजी में प्रोन्नति मिल जाएगी। केजी के लिए अलग से दाखिला नहीं लेना होगा और जिन स्कूलों में नर्सरी कक्षा नहीं होगी, उनमें केजी को ही प्रवेश स्तर माना जाएगा और उसमें दाखिले के वक्त बच्चे की उम्र चार साल होनी चाहिए।
एनजीओ ने याचिका में कहा था कि चार साल या इससे अधिक उम्र के बच्चों का ही स्कूलों में दाखिल किया जाना चाहिए। एनजीओ ने दिल्ली के निजी और गैर सहायता प्राप्त स्कूलों में प्री स्कूल कक्षाओं में तीन साल की उम्र पार कर चुके बच्चों के दाखिले पर रोक लगाने के लिए हस्तक्षेप की मांग की थी।
खंडपीठ में शामिल जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ ने गांगुली समिति की उन बातों पर असहमति भी जाहिर की, जिसमें कहा गया था कि चार साल से कम उम्र के बच्चों पर स्कूली शिक्षा का भार नहीं डाला जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि गांगुली समिति की सिफारिशों से वह सहमत नहीं हैं।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम सभी बच्चों के लिए समावेशी प्राथमिक शिक्षा मुहैया करता है। न्यायालय ने साफ किया कि प्रवेश स्तर पर प्री स्कूल, नर्सरी या प्री प्राइमरी कक्षाओं वाले स्कूल अपनी दाखिला प्रकिया को जारी रख सकते हैं। एनजीओ की याचिका में इस बात का जिक्र किया गया था कि कुछ स्कूल तीन साल की उम्र पूरी कर चुके बच्चों के दाखिले ले रहे हैं, जबकि कुछ स्कूल चार साल की उम्र पूरी कर चुके बच्चों का ही दाखिला ले रहे हैं, जिसमें प्रवेश के दो स्तर बन गए हैं।
न्यायालय ने उम्र अर्हता के हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा सभी बच्चों के लिए जरूरी है और स्कूल अपनी-अपनी दाखिल प्रक्रियाओं को जारी रख सकते हैं। एनजीओ ने दिल्ली सरकार के 16 दिसंबर के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत स्कूलों को चार की बजाय तीन साल के बच्चों का दाखिला लेने की इजाजत दी गई थी।
एक फरवरी को जारी होगी सूची
एक फरवरी को राजधानी के तमाम स्कूलों में नर्सरी दाखिले की पहली सूची जारी होने के साथ ही दाखिला प्रक्रिया दूसरे पड़ाव पर पहुंच जाएगी। हालांकि, डीपीएस आरके पुरम, द हेरिटेज स्कूल व टैगोर इंटरनेशनल ईस्ट ऑफ कैलाश ने तो अपने यहां पहली सूची की तस्वीर लगभग साफ कर दी है।
नर्सरी दाखिले की दौड़ में बीती 16 जनवरी तक चली आवेदन प्रक्रिया के बाद अब आवेदन करने वाले छात्रों के लिए दाखिले का दिन करीब आ गया है। शिक्षा निदेशालय के दिशा-निदेर्शो को तहत एक फरवरी को नर्सरी दाखिले की पहली सूची प्रतीक्षा सूची के साथ जारी हो जाएगी। हालांकि इसे ध्यान में रखते हुए कई नामचीन स्कूलों ने दाखिले की तस्वीर साफ करना शुरू कर दिया है। द हेरिटेज स्कूल रोहिणी की बात करें तो यहां उपलब्ध 77 सीटों पर 71 आवेदकों के नाम फाइनल हो चुके हैं और छह सीटों पर 216 आवेदकों के बीच ड्रॉ होगा।
ड्रॉ 30 जनवरी को सुबह साढ़े नौ से साढ़े दस बजे के बीच होगा और इस तरह दाखिले की पहली सूची अंतिम रूप ले लेगी। हेरिटेज स्कूल वंसत कुंज की बात करें तो यहां 24 सीटों पर दाखिला पाने वाले आवेदकों के नाम तय हो चुके हैं, जबकि शेष 16 सीटों पर 451 आवेदकों के बीच 30 जनवरी को ड्रॉ होगा।
इसी तरह डीपीएस आरकेपुरम, टैगोर इंटरनेशनल स्कूल, ईस्ट ऑफ कैलाश ने भी शुक्रवार को दाखिला सूची को अंतिम रूप दे दिया। साफ है कि लॉटरी के बाद सामने आने वाले नामों के साथ ही एक फरवरी को दाखिले की पहली सूची आ जाएगी।
एडमिशन नर्सरी डॉट काम के प्रमुख सुमित वोहरा ने बताया कि जैसे-जैसे दाखिले के लिए पहली सूची आने की तिथि करीब आ रही है अभिभावकों की ओर से दाखिले से जुड़े सवालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा यह सवाल है कि यदि मनपसंद स्कूल में नम्बर न आए तो क्या करें? जिस तरह से इस बार भी नर्सरी दाखिलों में सिबलिंग, एल्युम्नॉय व नेबरहुड फैक्टर हावाी रहा है, उसके बाद साफ है कि अभिभावक मनपसंद स्कूल के बजाय पहले जहां नंबर आए वहां दाखिला सुरक्षित कर लें। एक बार सीट सुरक्षित कर लेने के बाद आप आराम से मनपसंद स्कूल में दाखिले की राह देख सकते हैं।शिक्षा निदेशालय के नियमों के तहत एक बार दाखिला ले लेने पर इसे रद्द कराने की सूरत में एडमिशन फीस, रजिस्ट्रेशन फीस व एक महीने की ट्यूशन फीस ही कटती है, पर इसके लिए स्कूल का शिक्षा निदेशालय से मान्यता प्राप्त होना और आपके पास फीस जमा कराने का प्रमाण होना जरूरी
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