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नर्सरी एडमिशन: पोर्टल पर जानकारियां होंगी ओपन
नई दिल्ली। राजधानी में गैर सहायता प्राप्त पब्लिक स्कूल गुपचुप तरीके से नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया नहीं चला सकेंगे। स्कूलों को फार्मो की बिक्री, इससे जुड़ी प्रक्रिया और स्कूल के बारे में अन्य जानकारियां पोर्टल के माध्यम से अभिभावकों को देनी होगी। जिन स्कूलों ने अपनी वेबसाइट तैयार नहीं की है, उन्हें एक महीने में अपनी वेबसाइट तैयार करने के लिए कहा गया है। ऐसा न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि दिल्ली के स्कूलों में अगले महीने से नर्सरी दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे ठीक पहले केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने संबद्ध सभी स्कूलों को अपनी-अपनी वेबबाइट तैयार करने का निर्देश जारी किया है। बोर्ड ने सभी स्कूलों के निदेशकों और प्रबंधकों को एक महीने के भीतर स्कूल का पोर्टल तैयार करने को कहा है। गौरतलब है कि राजधानी में कई ऐसे स्कूल हैं, जिनके पोर्टल तैयार नहीं हैं या फिर काम नहीं करते हैं। जबकि बोर्ड के नियमों के मुताबिक उससे संबद्ध सभी स्कूल की अपनी वेबसाइट होनी चाहिए, ताकि अभिभावकों को यह पता चल सके कि स्कूल में कब क्या होना है। खासतौर पर स्कूलों के लिए अपनी वेबसाइट पर दाखिला संबंधी जानकारियां, सम्बद्धता की स्थिति, स्कूल की सुविधाएं, शिक्षकों के नाम, कक्षा स्तर पर विद्यार्थियों की संख्या, ई-मेल, फोन नंबर व स्कूल प्रबंध समिति के बारे में विस्तृत जानकारी देना जरूरी है। इसके अलावा स्कूल की वाषिर्क रिपोर्ट भी प्रतिवर्ष 15 सितम्बर से पहले तक वेबसाइट पर डालने को कहा गया है। कुछ स्कूल वेबसाइट को महज खानापूर्ति के लिए बनाते हैं। उसमें अभिभावकों के लिए पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं होती। इसी तरह के स्कूल गुपचुप तरीके से अपनी दाखिला प्रक्रिया चलाते हैं और अपनी मनमानी करते हैं।
सीबीएसई ने संबद्ध सभी स्कूलों को जल्द से जल्द वेबसाइट तैयार करने को कहा वेबसाइट में दाखिले से संबंधित तमाम जानकारियां दे ना अनिवार्य किया
Navbharat Times
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी कर कहा है कि बोर्ड से जुड़े जिन स्कूलों ने अभी तक अपनी वेबसाइट तैयार नहीं की है, वे एक महीने के भीतर इस काम को कर लें। बोर्ड के मुताबिक, यह पता चला है कि काफी स्कूलों ने अभी अपनी वेबसाइट नहीं बनाई है। ऐसे स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर स्कूल से जुड़ी हर जरूरी इंफर्मेशन जारी करनी होगी।
बोर्ड के आदेश के मुताबिक, पहले भी इस बारे में स्कूलों को लिखा गया था लेकिन अब जो स्कूल इस आदेश को नहीं मानेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वेबसाइट पर स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर की डिटेल होनी चाहिए। स्कूल में पढ़ाने वाले सभी टीचर्स के नाम और उनके पद के बारे में भी वेबसाइट पर जानकारी देनी होगी। स्कूल में कितने स्टूडेंट्स हैं, कितने सेक्शन हैं और हर सेक्शन में कितने बच्चे हैं, इसके बारे में जानकारी स्कूल को आम करनी होगी। स्कूल के पते, ईमेल, टेलिफोन नंबर, मैनेजिंग कमिटी के सदस्यों की जानकारी और उनके कॉन्टेक्ट नंबर के बारे में भी पैरंट्स को पता चलना चाहिए।
बोर्ड ने कहा है कि हर स्कूल को अपनी एनुअल रिपोर्ट वेबसाइट पर जारी करनी होगी। स्कूल को एफिलिएशन स्टेटस क्या है, इसके बारे में भी वेबसाइट पर डिटेल दी जाए। बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि कई स्कूलों के खिलाफ पैरंट्स की शिकायतें आती हैं कि उनके सवालों का जवाब नहीं दिया जाता। बोर्ड ने भी जांच के बाद पाया कि काफी स्कूलों ने अपनी वेबसाइट तैयार नहीं की है। बोर्ड के मुताबिक, स्कूल के बारे में पैरंट्स को जानने का हक है। 'राइट टु एजुकेशन' एक्ट लागू हो चुका है और वेबसाइट पर यह घोषित करना होगा कि सेशन में कितने स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया गया। अब हर प्राइवेट स्कूल में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, (ईडब्ल्यूएस कैटिगरी) के स्टूडेंट्स के लिए 25 प्रतिशत सीटें रिजर्व हैं और हर साल इस कैटिगरी के एडमिशन को लेकर शिकायतें मिलती हैं। हर स्कूल को अपनी वेबसाइट पर इसकी सीटों की जानकारी देनी होगी। इस कैटिगरी के एडमिशन के लिए कितने फॉर्म आए और कितने एडमिशन हुए, इसकी घोषणा भी करनी होगी।
दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी एडमिशन का प्रोसेस शुरू होने वाला है और पैरंट्स को सीबीएसई के इस आदेश से काफी फायदा होगा।
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Hi
This really is a big news, hoping it shall be done at respective school levels so as to increase transparency.
i feel another grey area for schools to be clear about is the transport facility. the transportation is a very important factor because a child has to spend 14 long years in school and it is of utmost importance to have a good transportation system to set the routine rolling.I wonder how safe it is to depend on private cabs tie up???
GOOD MOVE APPRECIATED.
So basically, to clarify, nursery admissions start in January first week in parallel to the website of the schools being updated?
And any current updates on the decision of age criteria by high court?
HC Verdict on age criteria deferred till 21dec 2011
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