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NBT - 25 Sep - होमवर्क का प्रेशर होगा कम!

होमवर्क का प्रेशर होगा कम!

CBSE जल्द जारी कर सकती है इस मामले में नई गाइडलाइंस• भूपेंद्र, नई दिल्ली



सीबीएसई ने स्कूली बच्चों के होमवर्क को लेकर स्कूलों के प्रिंसिपल, टीचर्स, स्टूडेंट्स व पैरंट्स की राय मांगी थी। बोर्ड को हजारों टीचर्स व पैरंट्स से फीडबैक मिला है। इस फीडबैक के आधार पर सीबीएसई ने होमवर्क को लेकर स्कूलों के लिए नई गाइडलाइंस तैयार करने का फैसला किया है। बोर्ड सूत्रों का कहना है कि ज्यादा होमवर्क को लेकर वैसे तो अक्सर पैरंट्स की कंप्लेंट आती रहती हैं और स्कूलों को समय-समय पर लिखा भी जाता है। लेकिन अब बोर्ड को जो फीडबैक मिला है, उसके आधार पर डिटेल रिपोर्ट तैयार होगी। फीडबैक में जो भी खास बातें सामने आई हैं, उनको लेकर गाइडलाइंस तैयार की गई हैं। बोर्ड सूत्रों के मुताबिक फीडबैक को देखें तो पैरंट्स काफी परेशान नजर आ रहे हैं। छोटे- छोटे बच्चों को भी ज्यादा होमवर्क दिया जाता है। पैरंट्स को होमवर्क करना पड़ रहा है। साथ ही प्रोजेक्ट वर्क ऐसा होता है कि पैरंट्स को ही उस प्रोजेक्ट को करना पड़ रहा है। सीबीएसई इन सब पहलुओं पर गौर कर रहा है। स्कूलों ने भी माना है कि होमवर्क ज्यादा दिया जा रहा है। साथ ही बच्चों के भारी बैग का एक कारण होमवर्क भी है। बोर्ड अधिकारियों का मानना है कि बहुत से स्कूलों में जो होमवर्क दिया जा रहा है, उसमें बच्चा सारा दिन रटने और लिखने में ही लगा रहता है। इस प्रैक्टिस को खत्म किया जाना जरूरी है।

वीएसपीके इंटरनैशनल स्कूल रोहिणी की प्रिंसिपल डॉ. डॉली जेटली ने बताया कि स्कूल की ओर से सीबीएसई को जो फीडबैक भेजा गया है, उसमें फोर्थ क्लास तक कोई होमवर्क न दिए जाने की बात है। 5वीं क्लास से होमवर्क हो लेकिन लर्निंग प्रोजेक्ट के रूप में हो। ऐसा होमवर्क न हों, जिसमें बच्चे को ज्यादा लिखना पड़े। बच्चे को अपने आसपास के माहौल से सीखना चाहिए और होमवर्क इसको ध्यान में रखकर दिया जाना चाहिए। डॉ. जेटली ने बताया कि बड़ी क्लासेज के लिए प्रोजेक्ट वर्क पर फोकस होना चाहिए लेकिन ऐसे प्रोजेक्ट दिए जाएं, जिनमें पैरंट्स को मेहनत न करनी पड़ी। साथ ही हर दिन एक या दो सब्जेक्ट का ही होमवर्क दिया जाना चाहिए। देखने में आता है कि बच्चे को सभी सब्जेक्ट का होमवर्क एक साथ दे दिया जाता है।

एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के चेयरमैन सुमित वोहरा का कहना है कि सीसीई स्कीम लागू होने के बाद भी होमवर्क की हिस्ट्री पर कोई असर नहीं पड़ा है। जरूरत से ज्यादा क्लास टेस्ट होते हैं और होमवर्क बढ़ने का एक कारण यह भी है। को- करिकुलर एक्टिविटीज को होमवर्क में शामिल किया जाना बहुत जरूरी है। उनका कहना है कि प्राइमरी क्लासेज के लिए तो होमवर्क होना ही नहीं चाहिए।

एजुकेशन हेल्प डॉट इन के फाउंडर वीरेंद्र सिंह का कहना है कि क्रिएटिव होमवर्क होना चाहिए और यह जिम्मेदारी स्कूल और टीचर की है। केवल रटने से बच्चे का ओवरऑल डिवेलपमेंट नहीं होता। क्लासरूम टीचिंग में नए एक्सपेरिमेंट किए जाने चाहिए।

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