Nursery Admissions in Delhi NCR 2025-26

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लॉटरी की नई गाइडलाइंस आज
ट्रांसफर के फर्जी मामले आने के बाद निदेशालय जारी करेगा नया शेड्यूल
नई दिल्ली। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नर्सरी दाखिले के लिए लॉटरी को लेकर शिक्षा निदेशालय बृहस्पतिवार को फिर से शेड्यूल और गाइडलाइंस जारी करेगा। संभव है कि पूरी लॉटरी प्रक्रिया दुबारा होगी। पहले तय शेड्यूल के मुताबिक, 28 फरवरी को स्कूलों को दाखिला पाए बच्चों के नामों की पहली सूची जारी करनी थी। शिक्षा निदेशक पद्मिनी सिंघला ने बताया कि हाईकोर्ट के रुख को देखते हुए लॉटरी को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की जाएंगी। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ट्रांसफर के पांच अंकों का क्या किया जाएगा। दाखिले 100 अंकों के फार्मूले के आधार पर ही होंगे या फिर 95 अंकों के फार्मूले के आधार पर यह स्थिति भी साफ नहीं है।
खेल बिगाड़ रहे ट्रांसफर अंक
शिक्षा निदेशालय ने उपराज्यपाल के आदेश पर जो गाइडलाइंस जारी की थी उसमें 70 अंक नेबरहुड के होने से हर अभिभावक को दाखिले की उम्मीद थी, लेकिन 70 अंक पाने वालों का खेल ट्रांसफर, सिबलिंग व एल्युमनी के अंक बिगाड़ रहे थे। इससे 70 अंक वालों का दाखिला बेहद ही मुश्किल हो गया था।
एड्रेस प्रूफ में भी किया भारी खेल
नई दिल्ली (ब्यूरो)। नर्सरी में अपने बच्चे को दाखिला दिलाने के लिए अभिभावक न सिर्फ स्थानांतरण कोटे का दुरुपयोग कर रहे हैं, बल्कि एड्रेस प्रूफ से लेकर आय प्रमाण पत्र तक में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। कई अभिभावकों ने ईडब्ल्यूएस कोटे में भी आवेदन कर रखा है। दाखिले की गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर अभिभावकों ने दस्तावेज बनवाने में हर हथकंडे अपनाए हैं। दरअसल, नर्सरी दाखिले में स्कूल से आठ किलोमीटर के दायरे में रहने वाले बच्चों को सबसे अधिक 70 अंक मिले हैं। दाखिले का सबसे पहला आधार यही है। इसे ध्यान में रखकर अभिभावकों में अच्छे स्कूलों के आस-पास रहने का एड्रेस प्रूफ बनवाने की होड़ रही। राजस्व विभाग के अधिकारी मानते हैं कि दाखिला प्रक्रिया के दौरान उनके यहां आय प्रमाण पत्र और एड्रेस प्रूफ के लिए मतदाता पहचान पत्र बनवाने के आवेदन सबसे ज्यादा थे। नई दिल्ली जिले में दो ऐसे मामले पकड़े भी गए थे।
अभी क्या था 100 अंकों का फाॅर्मूला
नेबरहुड (0-8 किमी) 70
सिबलिंग (भाई-बहन)20
एल्युमनी05
इंटर स्टेट ट्रांसफर केस05
कुल 100
(नोटः 25 फीसदी सीटें आर्थिक पिछड़े वर्ग व वंचित वर्ग के लिए निर्धारित की गई थी।)
99 फीसदी स्कूलों में हो चुकी है लॉटरी
लॉटरी को लेकर जारी होने वाले नए दिशा-निर्देशों को लेकर स्कूलों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। दाखिले की पहली सूची 28 फरवरी को जारी करने का शेड्यूल पहले से तय होने के कारण 99 फीसदी स्कूलों की ओर से लॉटरी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। स्कूलों का कहना है कि स्थानांतरण के अंकों का दुरुप्रयोग पहले से ही शुरू हो गया था। ऐसे में अभिभावकों को पहले कोर्ट में जाना चाहिए था, जिससे कि ऐन वक्त में न स्कूलों को परेशानी होती और ना ही अभिभावकों के लिए।
अशक्त बच्चों को मिले दाखिला ः कोर्ट
नई दिल्ली (ब्यूरो)। हाईकोर्ट ने नर्सरी दाखिलों में अशक्त बच्चों के लिए निर्धारित तीन प्रतिशत कोटे को खत्म करने पर नाराजगी जताई है। अदालत ने सरकार को स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि ऐसे बच्चों के दाखिले के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा इन बच्चों के लिए कितनी सीटे तय की जाएं। न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट्ट और न्यायमूर्ति आरवी ईश्वर की खंडपीठ ने सरकार को सुझाव दिया कि इन बच्चों के आवेदन को देखकर तीन प्रतिशत आरक्षण तय किया जाए।
आज स्कूल एसोसिएशन की है आपात बैठक
नई दिल्ली (ब्यूरो)। हाईकोर्ट के फैसले के बाद स्कूल एसोसिएशन ने मामले पर विचार करने के लिए बृहस्पतिवार को इमरजेंसी बैठक बुलाई है। नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कांफ्रेंस की अध्यक्ष अमिता मूला वट्टल ने कहा कि नए सिरे से लॉटरी निकाले जाने के आदेश से स्कूलों की परेशानी बढ़ गई है।
पहली मार्च से बोर्ड परीक्षाएं शुरू होनी हैं। सीसीई के ग्रेड भी 28 फरवरी तक अपलोड करने हैं। ऐसे में लॉटरी पर लॉटरी निकाल रहे हैं। स्कूल एसोसिएशन ने सुबह 11 बजे इमरजेंसी बैठक रखी है। इसमें काफी संख्या में स्कूल प्रिंसिपल हिस्सा लेंगे। बैठक में विचार विमर्श के बाद इस संबंध में शिक्षा निदेशालय से बातचीत की जाएगी।
सूची लटकीः
दाखिले के लिए 28 को जारी होने वाली पहली सूची लटक गई है। दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी जैन के मुताबिक, अब नए सिरे से स्कूलों को सामान्य वर्ग के लिए लॉटरी करनी होगी।
ड्राॅ में नाम वाले परेशान ः
नए सिरे से लॉटरी के फैसले से अब वे अभिभावक परेशान हैं जिनके बच्चे का नाम लॉटरी में आ चुका है।
क्या अभिभावकों पर दर्ज होगी एफआईआरः

अब यह सवाल भी है कि क्या फर्जी ट्रांसफर दस्तावेज के आधार पर दाखिला लेने वालों पर निदेशालय की ओर से एफआईआर दर्ज होगी या नहीं। निदेशालय ने कोर्ट में 58 नामी स्कूलों के संबंध में रिपोर्ट दी है। स्कूलों की जांच के बाद पाया गया है कि इनमें 46.8 सीटों पर इंटर स्टेट ट्रांसफर वाले अभिभावक दावा कर रहे थे। जबकि 2.4 फीसदी इंटर स्टेट ट्रांसफर वाले एनसीआर के थे।

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Nobody will be ever satsified there will be always a unsatsified groups, education is right for all irrespective of location , caste or group. Alumini, sibling aur any quota is not justified at all.we are planning to take this matter to court and ensure that nobody is going to get admission in school unless all people get equal chances. many people are very corrupt they manupulate all the facility given, if they dont get admission they will try all backdoor entries

this should be in point list. 5 point should be given to first child

I also support the point that if siblings are benefited by relaxaton in points then why not the first child..... n that toooo if it is the first girl child

I m with u aarti....there must be points for first born also nd why only girl child points for both gender first born as there is a girl cota already exists

We need to do away with girl child quota anyway. Why preference to girls in general category of a co-ed school?

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