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नर्सरी : पैरंट्स बेचैन, फिर मिली तारीख
13 Jan 2012, 0400 hrs IST,नवभारत टाइम्स
नई दिल्ली।। नर्सरी के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस खत्म होने वाला है मगर दाखिले की उम्र को लेकर पैरंट्स की बेचैनी बढ़ती ही जा रही है। पैरंट्स अपने तीन साल के बच्चे के एडमिशन के लिए 10-10 स्कूलों में अप्लाई तो कर रहे हैं लेकिन उनकी निगाह कोर्ट के फैसले पर लगी हुई है। दाखिले की उम्र तीन साल हो या चार साल, इस मसले पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। पैरंट्स के मन में यह डर है कि कहीं दाखिले की उम्र चार साल हो गई तो क्या होगा? वहीं स्कूलों का तर्क है कि तीन साल के बच्चे के एडमिशन पर फिलहाल कोई रोक नहीं है लेकिन स्कूल भी बेसब्री से कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
इस मसले पर कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले एडवोकेट अशोक अग्रवाल का तर्क है कि स्कूल में एंट्री की उम्र 4 साल ही होनी चाहिए। उनका कहना है कि 16 जनवरी तक कोर्ट का फैसला आने की पूरी उम्मीद है। अगर उनकी दलील को माना जाता है तो फिर चार साल के बच्चों का प्री प्राइमरी में एडमिशन हो पाएगा। एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के फाउंडर सुमित वोहरा बताते हैं कि दाखिले की उम्र को लेकर पैरंट्स बहुत कन्फ्यूजन में हैं। वे स्कूलों में अप्लाई तो कर रहे हैं लेकिन उनकी टेंशन बढ़ती जा रही है।
कोर्ट में स्कूलों की दलीलें
नर्सरी एडमिशन पर गुरुवार को भी सुनवाई जारी रही। स्कूलों की ओर से तर्क दिया गया कि अगर प्री स्कूल में एडमिशन होने वाले बच्चे को अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा तो बच्चे को परेशानी होगी। राइट टु एजुकेशन एक्ट में कहीं भी प्री प्राइमरी और प्री स्कूल को अलग नहीं किया गया है। स्कूलों की ओर से पेश वकील ने भी यही दलील दी कि प्री-स्कूल में दाखिला देकर उसे प्री-प्राइमरी में क्यों प्रमोट नहीं किया जा सकता। इसके पीछे याचिकाकर्ता के पास कोई तर्क नहीं है। साथ ही जिस हाई कोर्ट के जजमेंट का याचिकाकर्ता ने हवाला दिया है उस जजमेंट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है। हाई कोर्ट ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख तय कर दी है।
इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील अशोक अग्रवाल ने दलील दी थी कि गांगुली कमिटी ने तमाम प्रावधानों को देखा था और उसके बाद यह गाइडलाइंस जारी की थीं कि 4 साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को प्री - प्राइमरी में दाखिला दिया जाए। प्री - स्कूल के बारे में सरकार से कहा गया था कि वह तीन साल के भीतर गाइडलाइंस जारी करे लेकिन इस बारे में अभी तक सरकार ने कुछ भी नहीं किया। प्री - स्कूल को मेन स्कूल का पार्ट नहीं माना गया है लेकिन फिर भी प्री - स्कूल में 3 साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को दाखिला दिया जा रहा है और प्रमोट करने का प्रावधान किया गया है।
इससे पहले नर्सरी एडमिशन मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने स्कूलों का बचाव करते हुए कहा कि गांगुली कमिटी भी कहती है कि बच्चों के विकास के लिए जरूरी है कि बुनियादी शिक्षा से पहले उसका सही तरह से केयर किया जाए ।
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