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गाइडलाइंस को स्वीकृति नहीं एलजी ने मांगा स्पष्टीकरण
स्कूलों ने आयु सीमा लागू करने का नया तरीका निकाला
एलजी ऑफिस ने शिक्षा विभाग को वापस भेजी फाइल
जल्द ही गाइडलाइंस जारी होने की संभावनास्कूलों से फॉर्म लेने के लिए दौड़-भाग कर रहे अभिभावक नर्सरी दाखिले के लिए आवेदन की लास्ट डेट 23 जनवरी
राजधानी के सरकारी जमीन (डीडीए लैंड) पर बने गैर सहायता प्राप्त पब्लिक स्कूलों में नर्सरी दाखिले के लिए नेबरहुड क्राईटेरिया वाली गाइडलाइंस को उपराज्यपाल कार्यालय ने बिना स्वीकृति के वापस शिक्षा विभाग को भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार उपराज्यपाल कार्यालय ने दिल्ली सरकार द्वारा नेबरहुड क्राईटेरिया वाली गाइडलाइंस को लेकर कुछ स्पष्टीकरण मांगा है। शिक्षा विभाग इसको लेकर स्पष्टीकरण देकर दोबारा फाइल भेजेगा, उसके बाद गाइडलाइंस स्वीकृति के लिए देखा जाएगा। मंगलवार को अभिभावक स्कूलों में फॉर्म लेने पहुंचे। कई अभिभावक स्कूलों में ऑनलाइन आवेदन के लिए स्कूलों की वेबसाइटों में माथापच्ची करने में लगे हैं। बता दें कि डीडीए लैंड वाले करीब 298 स्कूलों की नर्सरी दाखिले की गाइडलाइंस अभी जारी नहीं हुई हैं। लिहाजा इन स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया रुकी है। ऐसे स्कूल हर इलाके में हैं। कई इलाकों में इनकी संख्या ज्यादा है। यह स्कूल बड़े स्कूलों में शुमार हैं और इन्हीं स्कूलों में दाखिले के लिए मारामारी रहती है। इस बार सरकार द्वारा सरकारी जमीन वाले स्कूलों के लिए नेबरहुड क्राईटेरिया से ही दाखिला किए जाने की गाइडलाइंस तैयार की हैं। इसमें सिर्फ सिबलिंग को रियायत दिए जाने की बात कही गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता व ऑल इंडिया पेरेंट्स एजुकेशन के नेशनल कन्वीनर अशोक अग्रवाल ने कहा कि स्कूलों में केवल नेबरहुड से दाखिले किए जाएं, ऐसा कोई कानून नहीं बनाया गया। बिना इसको लेकर कानून बनाए स्कूलों में इसे लागू नहीं किया जा सकता। सरकार को पहले इसके लिए कानून बनाना चाहिए था। जब तक कानून नहीं बनाया जाता तब तक स्कूलों को यह अधिकार है कि वह अपना क्राईटेरिया बना सकते हैं। ऐसे में सरकार ने डीडीए लैंड वाले स्कूलों के दाखिले रोककर अभिभावकों की परेशानी बढ़ा दी है। इससे अभिभावकों में भ्रम की स्थिति बन गई है। इसी तरह ईडब्ल्यूएस क्राईटेरिया को लागू करने में भी देरी हो रही है, जिससे अभिभावक परेशान हैं।
द राकेश नाथनई दिल्ली। एसएनबी
नर्सरी एडमिशन 2017
नई दिल्ली। नर्सरी दाखिले को लेकर अपर एज की लिमिट नहीं है। बावजूद इसके स्कूल अपर एज लिमिट लगा रहे हैं। यहां खास बात यह है कि एडमिशन नर्सरी डॉटकॉम के प्रमुख सुमित वोहरा ने कहा कि ऐसे स्कूलों को सरकार को तुरंत नोटिस जारी करना चाहिए। एक कॉमन नोटिस सभी स्कूलों को जारी करना चाहिए और यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। वैसे भी शिक्षा निदेशालय ने अपनी गाइडलाइंस में साफ लिखा है कि नर्सरी के दाखिले में कोई अपर एज लिमिट का क्राईटेरिया नहीं है। बच्चे की आयु कम से कम तीन साल होनी जरूरी है, लेकिन अपर एज की कटऑफ नहीं है। नहीं तो आने वाले समय में डीडीए लैंड वाले 300 स्कूल भी ऐसा ही करना शुरू कर देंगे। वोहरा ने कहा कि अभिभावकों ने जानकारी दी है कि टैगोर इंटरनेशनल की दोनों शाखाओं ने अपर एज की लिमिट लागू की है। इसी प्रकार स्प्रिंगडेल्स स्कूल, बाल भारती व रामजस स्कूल आदि की वेबसाइट पर आवेदन चार साल का होने पर नहीं हो पा रहा है। एक अभिभावक ने जानकारी दी कि दिसम्बर 2012 की बच्चे की आयु डालने पर आवेदन स्वीकार नहीं हो रहा है। द एसएनबी
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