Form Dates | Admission Criteria | Results | Fee Details | List of All Schools
भूपेंद्र ॥ नई दिल्ली
प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी (प्री-स्कूल) एडमिशन की रेस अब शुरू होने वाली है। स्कूलों में प्रॉस्पेक्ट्स के खेल को रोकने में शिक्षा निदेशालय पूरी तरह नाकाम रहा है। निदेशालय के नियमों के मुताबिक प्रॉस्पेक्ट्स खरीदने के लिए पैरंट्स को मजबूर नहीं किया जा सकता। लेकिन इस नियम की कोई परवाह नहीं करता। प्रॉस्पेक्ट्स के लिए पैरंट्स को 100 से लेकर 1000 रुपये तक का भुगतान करना पड़ता है। वहीं निदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि नर्सरी के लिए रजिस्ट्रेशन फीस केवल 25 रुपये है और फॉर्म के लिए इससे अधिक फीस नहीं ली जा सकती। लेकिन इस नियम को मानने वाले स्कूलों की संख्या बहुत कम है।
मजबूर करते हैं प्रॉस्पेक्ट्स लेने के लिए
ऑल इंडिया पैरंट्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट एडवोकेट अशोक अग्रवाल का कहना है कि स्कूल प्रॉस्पेक्ट्स खरीदने के लिए पैरंट्स को बाध्य करते हैं और जो पैरंट्स केवल फॉर्म लेना चाहते हैं, उन्हें परेशान किया जाता है। अग्रवाल का कहना है कि शिक्षा निदेशालय के पास अगर पैरंट्स शिकायत करने पहुंचते हैं तो कोई कार्रवाई नहीं होती। यह मसला बेहद गंभीर है और सरकार को एक्शन लेना चाहिए। वह कहते हैं कि अगर स्कूल को प्रॉस्पेक्ट्स देना है तो इसके लिए वह अलग से चार्ज नहीं कर सकता। 25 रुपये में ही फॉर्म और प्रॉस्पेक्ट्स देना चाहिए। लेकिन देखने में आता है कि काफी स्कूल अलग से फॉर्म नहीं देते। प्रॉस्पेक्ट्स में ही फॉर्म लगा होता है और जो पैरंट्स केवल फॉर्म मांगते हैं, उनको अलग से फॉर्म नहीं मिल पाता।
स्कूल अपने हिसाब से तय करते हैं रेट
एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के फाउंडर सुमित वोहरा बताते हैं कि ऐसे मामले भी सामने आए थे, जिनमें प्रॉस्पेक्ट्स लेने से मना करने वाले पैरंट्स की ऐप्लीकेशन को अलग से मार्क कर दिया जाता है। यही कारण है कि पैरंट्स डरते हैं कि अगर प्रॉस्पेक्ट्स नहीं लिया तो एडमिशन नहीं हो पाएगा। वोहरा बताते हैं कि हर स्कूल अपने हिसाब से प्रॉस्पेक्ट्स के रेट तय करते हैं। 100, 200, 500 और हजार रुपये तक भी लिए जाते हैं। कहने को तो डिप्टी डायरेक्टर ऑफिस में शिकायत की जा सकती है लेकिन उन शिकायतों के बाद भी पैरंट्स को कोई राहत नहीं मिलती। वहीं शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी का कहना है कि अगर पैरंट्स शिकायत करें तो कार्रवाई की जाती है।
गाइड लाइंस में जिक्र नहीं
शिक्षा निदेशालय ने इस बार नर्सरी एडमिशन की जो गाइड लाइंस जारी की हैं , उनमें प्रॉस्पेक्ट्स को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया है। एक्सपर्ट का कहना है कि शिक्षा निदेशालय की गाइड लाइंस में न तो एडमिशन फॉर्म्युले पर कोई दिशा - निर्देश हैं और न ही एडमिशन फॉर्म के बारे में कुछ गया गया है। जबकि पैरंट्स उम्मीद कर रहे थे कि इस बार निदेशालय एडमिशन क्राइटेरिया पर भी कुछ जरूरी आदेश जारी करेगा। उधर स्कूलों का कहना है कि 100 रुपये तक प्रोस्पेक्टस की कीमत तो ठीक है , लेकिन जो स्कूल अधिक कीमत वसूलते हैं , उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। स्कूलों का कहना है कि केवल फॉर्म से पैरंट्स को अधिक जानकारी नहीं मिल पाती , इसलिए प्रोस्पेक्टस दिया जाता है। लेकिन पैरंट्स को प्रोस्पेक्ट्स लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा ता।
Tags:
First of all, the Prospectus Charges should be banned, and if in case they are distributing these in heavy amount, these charges should be returned to those whose child has not been selected.
I pointed the same thing in one of my posts before....Thank Mr. Vohra for raising this issue in media.
what options parent have for reporting the matter, if school asks for prospectus money .
If school says 1000/- is for form only. Does that justify
© 2025 Created by Sumit Vohra (Webmaster).
Powered by
helpdesk@admissionsnursery.com