नए नियम बने गले की फांस
• अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। नर्सरी में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, स्कूलों के नए-नए नियम अभिभावकों के गले की फांस बनते जा रहे हैं। कहीं बच्चे की आयु को आधार बनाया जा रहा है तो कहीं स्कूल ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल का। अभिभावकों का आरोप है कि अजीबोगरीब नियम बनाकर स्कूल दाखिला देने से कतरा रहे हैं।
एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के संस्थापक सुुमित वोहरा ने बताया कि स्कूलों के ऐसे नियमों से अभिभावक काफी परेशान हैं। उनके पास लगातार ऐसी शिकायतें आ रही हैं। ऐसे करीब 50 स्कूलों की शिकायतें निदेशालय को भेजी गई हैं। उन्होंने कहा कि यह नया नहीं है, जब स्कूलों ने ऐसे नियम रखे हैं। स्कूलों के इस रवैये पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। स्कूलों पर सख्त लगाम कसने की जरूरत है, जिससे कि उन्हें सबक मिले और दाखिले में पारदर्शिता आए।
सरकार ने दाखिले के लिए अधिकतम आयु तय की थी, फिर उसे वापस ले लिया गया। इसका खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है। कई स्कूल आयु के आधार पर अंक दे रहे हैं। सृजन स्कूल, द श्रीराम और एल्हकॉन पब्लिक स्कूल दाखिले के लिए 10 से 30 अंक आयु के लिए दे रहे हैं।
स्कूल ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने पर अंक
कई स्कूलों ने स्कूल ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने के भी अंक रखे हैं। लांसर कॉन्वेंट ने शर्त रखी है कि अगर स्कूल ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करना है तो चार साल की अंडरटेकिंग देनी होगी। इसी तरह से जीडी सालवान ने स्कूल बस इस्तेमाल करने के अतिरिक्त अंक रखे हैं। रुक्मिणी देवी पब्लिक स्कूल और गीतारतन जिंदल स्कूल ने भी अभिभावकों के सामने कुछ ऐसी ही शर्त रखी है।
सामाजिक योगदान के लिए भी प्वाइंट
पेरेंट्स की पहचान से भी स्कूलों में बच्चों को दाखिला मिलेगा। इस बार स्कूलों ने ऐसे नियम बनाए हैं, जिनमें माता-पिता के राष्ट्रीय योगदान को शामिल किया है। माता-पिता का राष्ट्रीय पुरस्कार बच्चों को दाखिले में रिवार्ड दिलाएगा। इसी तरह किसी स्कूल ने गोद लिए बच्चे को मानकों में शामिल किया है तो किसी ने जुड़वां बच्चों को प्वाइंट देना तय किया है।
नर्सरी दाखिला2013-14
कोर्ट के दखल के बाद आयु का नियम बदला
नई दिल्ली (ब्यूरो)। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद एक निजी स्कूल ने नर्सरी में दाखिले की अधिकतम आयु का नियम अपने प्रॉसपेक्टस से हटा दिया है। रोहिणी स्थित सचदेवा पब्लिक स्कूल के अधिकारी ने यह जानकारी अदालत को दी। इसके बाद जस्टिस जी एस सिस्तानी ने याचिका का निपटारा कर दिया।
पंकज कुमार ने बेटे को नर्सरी कक्षा में दाखिला देने से इनकार होने पर याचिका दायर की थी। सचदेवा पब्लिक स्कूल ने याची के बेटे को अधिकतम आयु सीमा से एक माह बड़ा होने की बात कहकर दाखिला देने से इनकार कर दिया था।
•कहीं आयु के तो कहीं स्कूल ट्रांसपोर्ट लेने के अंक