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नईदुनिया ब्यूरो, नई दिल्ली़निर्सरी दाखिले के लिए उप राज्यपाल की मंजूरी से लागू नए नियमों में ६ किलोमीटर की दूरी के लिए मिलने वाले ७० प्वॉइंट के दायरे को यदि १० किलोमीटर तक बढ़ा दिए जाए तो यह बच्चों के लिए बेहद उपयोगी होगा। नए नियमों को लेकर स्कूल संगठनों की ओर से दूरी के विषय पर जताए गए एतराज के बाद पहले एडमिशन नर्सरी डॉट कॉम ने एक सर्वेक्षण किया और फिर सोशल ज्यूरिस्ट ने शिक्षा निदेशालय के साथ चर्चा के दौरान नए नियमों ने १० किलोमीटर की राहत का सुझाव पेश किया है। हालांकि, सोशल ज्यूरिस्ट की ओर से दिए गए सुझाव में सिबलिंग यानी भाई-बहन और एल्युम्नॉय श्रेणी में दाखिले के लिए अधिकतम सीटों का प्रतिशत निर्धारित करने की सिफारिश भी की है।़एिडमिशन नर्सरी डॉट कॉम के संयोजक सुमित वोहरा ने बताया कि हमने नए नियमों को लेकर बीते गुस्र्वार को एक ऑनलाइन सर्वे शुरू किया था जो रविवार दोपहर तक चला। इस सर्वे में सामने आया कि ४८.८ फीसद अभिभावक नए नियमों के बाद अपने बच्चे के दाखिले के लिए आशान्वित हैं, जबकि २८ फीसद चाहते हैं कि स्कूल से घर की दूरी ६ से बढ़ाकर १० किलोमीटर कर दी जाए तो बेहतर होगा। वोहरा ने बताया कि करीब १६५० वोटों पर आधारित सर्वे में १०.४ फीसद लोगों ने कहा कि उन्हें मौजूदा नियमों में दूरी के चलते कोई प्वाइंट नहीं मिल रहा है, जबकि ३.८ फीसद ऐसे हैं जो सिबलिंग श्रेणी के अन्तर्गत आते हैं, लेकिन उन्हें दूरी के लिए निर्धारित श्रेणी के प्वॉइंट नहीं मिल रहे हैं। वोहरा के मुताबिक यदि दूरी की सीमा १० किलोमीटर तक निर्धारित कर दी जाती है तो संभव है कि ९० फीसद तक आवेदकों को इससे राहत मिलेगी।़इिस कड़ी में शिक्षा निदेशालय के बुलावे पर पहुंचे सोशल ज्यूरिस्ट के सलाहकार अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने बताया कि हमने दूरी के निर्धारण को लेकर ६ किलोमीटर के दायरे को १० किलोमीटर करने की बात अपने प्रस्तुतिकरण में की है। हालांकि, इसमें हमने यह भी कहा है कि यदि नियमों में यह बदलाव लागू किया जाता है तो सिबलिंग की श्रेणी में २० फीसद से ज्यादा और एल्युम्नॉय श्रेणी में १० फीसद से ज्यादा सीटें न रखी जाएं। यानी कुल सीटों में से २० फीसद सीटें सिबलिंग और १० फीसद सीटें एल्युम्नॉय श्रेणी को दी जाए। ़अिग्रवाल ने कहा कि इस तरह सामान्य श्रेणी के लिए ७० फीसद सीटें उपलब्ध रहेगी और उनके लिए दाखिला आसान होगा। शिक्षा निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को शिक्षा निदेशक नए सुझावों को लेकर उप राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और बदलाव को लेकर अंतिम फैसला वहीं होगा। ़गिरीब व वंचित वर्ग को भी मिले राहत़सिोशल ज्यूरिस्ट ने सामान्य श्रेणी के साथ-साथ गरीब व वंचित वर्ग के विद्यार्थियों को दाखिले के लिए मिलने वाली दूरी की सीमा को १ किलोमीटर से बढ़ाकर छह किलोमीटर करने की मांग की है। अग्रवाल ने कहा है कि चूंकि कोटे के दाखिलों में पहले एक किलोमीटर फिर तीन और फिर छह किलोमीटर के बच्चों को मौका दिया जाता है तो उनकी मांग है कि इसे पहले ही चरण में छह किलोमीटर कर दिया जाए ताकि सीटें पहली बार में ही भर सके। ़़िस्किूल संगठनों ने फिर की स्वायत्तता की मांग़निर्सरी दाखिलों के लिए शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी नए नियमों में खामियों की बात कर उनका विरोध कर रहे स्कूल संगठनों ने नए बदलावों की चर्चा के बीच फिर से अपनी स्वायत्तता की मांग की है। नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कांफ्रेस की अध्यक्ष अमिता मूला वॉटल ने बताया कि अभी नए नियमों में बदलाव को लेकर चर्चा हो रही है इसलिए इसे लेकर कुछ कह पाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां तक १० किलोमीटर की दूरी की बात है तो यह भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे ही स्कूल में दिल्ली विश्वविद्यालय के आसपास से आने वाले बच्चे भी पढ़ते हैं। अमिता ने कहा कि स्कूल संगठनों की मांग इतनी ही है कि सरकार उन्हें भी अपने स्तर पर दाखिला प्रक्रिया को लेकर कुछ निर्णय करने का अधिकार दें। |
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Thanks :) So when are you getting the rule changed?
Really its good decission by the Goverment considering the Child not the parents . I dont understand why people are putting their dream to the child shoulder . How a small kid will travel beyond 6KM for school ,
No Sir , I dont have to do any thing with Admission Process . I had share my Opinion . It Depend on parents how they take the things .
You did not answer - when are you getting the rules changed?
Hi Latha, Sakhi,
My elder son goes to Tagore Vasant Vihar which is 7 Km from my residence, his younger sister is 3 yrs old now and eligible for Nursery admission.
Can you please advise how this will go in case of sibling?
Thanks,
Gopal Gupta
Gopal
You will get the sibling points but rest we cannot say right now how school measures distance.
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